Malaria Symptoms, Prevention, Treatment, and Awareness in India
भारत में मलेरिया के लक्षण, रोकथाम, उपचार और जागरूकता
हर साल अप्रैल का महीना हमें स्वास्थ्य के महत्व की याद दिलाता है, जब 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) मनाया जाता है। वर्ष 2025 की थीम है:
“Malaria ends with us: Reinvest, Reimagine, Reignite”
यानि, “मलेरिया का अंत हमारे साथ: पुनः निवेश करें, पुनः कल्पना करें, पुनः प्रेरित हों।”
मलेरिया कोई नई बीमारी नहीं है। यह सदियों से मानव जीवन को प्रभावित करता आ रहा है। फिर भी, आज भी यह दुनिया के कई हिस्सों में गंभीर खतरा बना हुआ है। इस लेख में हम जानेंगे कि मलेरिया क्या है, इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज क्या हैं, साथ ही यह कैसे भारत में और विश्व स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित करता है।
मलेरिया क्या है?
मलेरिया एक संक्रामक रोग है जो मादा एनोफिलीज मच्छर (Anopheles mosquito) के काटने से होता है। यह मच्छर प्लास्मोडियम (Plasmodium) नामक परजीवी को मानव शरीर में पहुंचाता है।

इस परजीवी की पाँच प्रमुख प्रजातियाँ हैं, लेकिन इंसानों में मुख्य रूप से चार प्रकार ही पाए जाते हैं:
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Plasmodium falciparum – सबसे घातक प्रकार
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Plasmodium vivax – भारत में सबसे आम
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Plasmodium ovale
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Plasmodium malaria
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 10-15 दिन बाद दिखाई देते हैं। इनमें शामिल हैं:
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ठंड लगना और कंपकंपी
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बुखार (अक्सर चढ़ता-उतरता रहता है)
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पसीना आना
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सिरदर्द
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थकावट और कमजोरी
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मांसपेशियों और जोड़ो में दर्द
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मतली और उल्टी
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दस्त (कभी-कभी)
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गंभीर मामलों में: मस्तिष्क पर असर, गुर्दे या यकृत की खराबी, रक्त की कमी
मलेरिया का संक्रमण कैसे फैलता है?
जब संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटती है, तो वह उसके शरीर में प्लास्मोडियम परजीवी पहुंचा देती है। इसके अलावा, मलेरिया का फैलाव निम्न माध्यमों से भी हो सकता है:
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संक्रमित रक्त चढ़ाने से
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संक्रमित सुई या सिरिंज से
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माँ से भ्रूण को (गर्भावस्था के दौरान)
मलेरिया की स्थिति भारत में
भारत में मलेरिया एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या रही है, खासकर मॉनसून और गर्मियों के महीनों में।
कुछ प्रमुख आंकड़े (2023 तक):
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भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ लोग मलेरिया से प्रभावित होते हैं।
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Plasmodium vivax भारत में सबसे अधिक पाया जाने वाला परजीवी है।
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जनजातीय और ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी ज्यादा देखने को मिलती है।
हालांकि पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के तहत मलेरिया के मामलों में काफी कमी आई है।
वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 और मलेरिया
इस साल WHO ने “Malaria ends with us: Reinvest, Reimagine, Reignite” थीम के माध्यम से तीन महत्वपूर्ण अपील की हैं:
1. Reinvest – पुनः निवेश करें
मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में वित्तीय निवेश की आवश्यकता है। रिसर्च, दवाएं, वैक्सीन और पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बेहद जरूरी है।
2. Reimagine – नये दृष्टिकोण अपनाएं
अब समय है पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़कर तकनीक, AI, डेटा एनालिटिक्स, और स्मार्ट हेल्थ सिस्टम को अपनाने का।
3. Reignite – जनजागरूकता और प्रेरणा फिर से जगाएं
समाज के हर वर्ग को एक बार फिर मच्छरों के प्रजनन रोकने, सफाई बनाए रखने और लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।
मलेरिया से बचाव: “रोकथाम ही उपचार है”
1. मच्छरदानी और रेपेलेंट का प्रयोग करें
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग और मच्छर भगाने वाले स्प्रे/क्रीम लगाएं।
2. खुले पानी को जमा न होने दें
पानी के जमा होने से मच्छर पनपते हैं – गमले, कूलर, छतों आदि को नियमित साफ करें।
3. साफ-सफाई बनाए रखें
घर और आस-पास की साफ-सफाई से मच्छरों का प्रजनन रुकता है।
4. पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनें
खासकर शाम और रात के समय में।
5. लक्षण दिखते ही डॉक्टर से मिलें
समय रहते उपचार से जान बचाई जा सकती है।
मलेरिया का उपचार
मलेरिया का इलाज संभव है, लेकिन समय पर निदान बहुत जरूरी है।
आम दवाएं:
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क्लोरोक्वीन (Chloroquine) – हल्के मामलों के लिए
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आर्टेमिसिनिन आधारित कॉम्बिनेशन थेरेपी (ACT) – गंभीर मामलों में
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प्राइमाक्वीन – लीवर में छिपे परजीवियों को मारने के लिए
नोट: इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के बिना न लें। खुद से इलाज करना खतरनाक हो सकता है।
भारत सरकार की पहल
भारत सरकार ने मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (NMEP) शुरू किया है।
इसके अंतर्गत:
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मुफ्त जांच और दवाएं
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हर जिले में वेक्टर कंट्रोल अभियान
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ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग
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स्कूलों और पंचायतों में जागरूकता अभियान
टेक्नोलॉजी और मलेरिया नियंत्रण
आज डिजिटल हेल्थ की मदद से मलेरिया से लड़ाई और आसान हो रही है:
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AI आधारित संक्रमण पूर्वानुमान मॉडल
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ड्रोन से मच्छरों के प्रजनन स्थल की निगरानी
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मोबाइल ऐप्स से लक्षण ट्रैकिंग और रियल-टाइम रिपोर्टिंग
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GPS आधारित मलेरिया मैपिंग
जनभागीदारी की भूमिका
सरकार के साथ-साथ हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है:
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अपनी गली-मोहल्ले में सफाई रखना
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मच्छरों के बारे में दूसरों को जागरूक करना
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बीमार व्यक्ति को समय पर इलाज दिलवाना
निष्कर्ष
मलेरिया एक प्राचीन लेकिन आज भी सक्रिय खतरा है। वर्ल्ड हेल्थ डे 2025 की थीम हमें याद दिलाती है कि यदि हम पुनः निवेश करें, नवाचार करें और प्रेरणा से भर जाएं, तो मलेरिया को जड़ से खत्म करना संभव है।
इस लड़ाई में सरकार, वैज्ञानिक समुदाय, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आम जनता – सभी को साथ चलना होगा। जब हर व्यक्ति यह मानेगा कि “मलेरिया का अंत हमसे शुरू होता है,” तब ही हम इस वैश्विक चुनौती को मात दे पाएंगे।