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Diet in diabetes- why and how to take?

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We all know that a balanced diet plays a major role in the management of diabetes so much so that it can reverse the new-onset diabetes. But a lot of confusion is present regarding what to eat what not to eat, how much to eat, and when to eat. Below are answers to some common questions that linger in the minds of every diabetic patient.

हम सभी जानते हैं कि संतुलित आहार मधुमेह के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इतना कि यह मधुमेह के शुरुवाती स्टेज में ब्लड शुगर नार्मल /सामान्य कर सकता है। लेकिन क्या खाएं, क्या न खाएं, कितना खाएं और कब खाएं, इसे लेकर काफी कन्फ्यूजन रहता है। नीचे कुछ सामान्य प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं जो हर मधुमेह रोगी के मन में रहता  हैं।

Question 1Does diet have any role in blood sugar control and if yes, how much?

Answer—Yes, Diet has a definite role in controlling blood sugar in diabetes. In the early stages of diabetes, diet has the power to reverse new-onset diabetes, especially in type 2 diabetes.

प्रश्न 1 – क्या ब्लड शुगर नियंत्रण में आहार की कोई भूमिका है और यदि हां, तो कितनी?

उत्तर – हाँ, मधुमेह में रक्त शर्करा(ब्लड शुगर) को नियंत्रित करने में आहार की निश्चित भूमिका होती है। मधुमेह के शुरुआती चरणों में आहार में नई शुरुआत वाले मधुमेह को उलटने की शक्ति (Reversal of Diabetes) होती है, खासकर टाइप 2 मधुमेह में।

Question 2 – What is the best time to take meals in a day as per the research?

Answer – Two methods have shown good evidence –

  1. Regular Meal Intervals
  • Three Main Meals: Breakfast, lunch, and dinner at consistent times each day.
  • Two to Three Snacks: Healthy snacks between meals to prevent blood sugar dips and spikes.

Evidence – Regular meal timing helps maintain a consistent glucose supply, reducing the risk of hypoglycemia (low blood sugar) and hyperglycemia (high blood sugar). Studies suggest that having three main meals with one or two snacks helps maintain stable blood glucose levels throughout the day.

2. Intermittent Fasting 
  • 16:8 Method: Eating all meals within an 8-hour window and fasting for the remaining 16 hours

Evidence: Intermittent fasting has shown promise in improving insulin sensitivity, reducing insulin levels, and promoting weight loss. However, this method should be approached with caution and under medical supervision, especially for individuals taking insulin or other glucose-lowering medications.

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प्रश्न 2 –  दिन में भोजन करने का सबसे अच्छा समय क्या है? (शोध के अनुसार)

उत्तर – दो तरीकों से अच्छे प्रमाण मिले हैं –

  1. नियमित भोजन अंतराल –
  • तीन मुख्य भोजन: नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना प्रत्येक दिन लगातार समय पर।
  • दो से तीन स्नैक्स: रक्त शर्करा में गिरावट और बढ़ोतरी को रोकने के लिए भोजन के बीच स्वस्थ स्नैक्स।

साक्ष्य – नियमित भोजन का समय लगातार ग्लूकोज आपूर्ति बनाए रखने में मदद करता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया (निम्न रक्त शर्करा) और हाइपरग्लाइसीमिया (उच्च रक्त शर्करा) का खतरा कम हो जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि एक या दो स्नैक्स के साथ तीन मुख्य भोजन करने से पूरे दिन रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है।

2. आंतरायिक उपवास
  • 16:8 विधि: 8 घंटे के भीतर सारा भोजन खा लेना और शेष 16 घंटों के लिए उपवास करना

साक्ष्य: आंतरायिक उपवास ने इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार, इंसुलिन के स्तर को कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में वादा दिखाया है। हालाँकि, इस पद्धति को सावधानी के साथ और चिकित्सकीय देखरेख में अपनाया जाना चाहिए, विशेष रूप से इंसुलिन या अन्य ग्लूकोज कम करने वाली दवाएँ लेने वाले व्यक्तियों के लिए।

Question 3 – I often skip breakfast, Does it affect my blood sugar?

 

Benefits Of breakfast     (नाश्ते के फायदे)

  • Improved blood sugar control (ब्लड शुगर नियंत्रण में सुधार)
  • Increase  insulin Sensitivity (इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाएँ)
  • Break overnight fasting (रात भर का उपवास तोड़ें)

Answer – Yes, Skipping breakfast significantly affects blood sugar management.

Research indicates that skipping breakfast can lead to higher postprandial (after-meal) blood glucose levels and impaired insulin response. Therefore taking an early Breakfast within one hour of waking up will improve glycemic control and insulin sensitivity.

प्रश्न 3 – मैं अक्सर नाश्ता छोड़ देता हूं, क्या इससे मेरे रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) पर असर पड़ता है?
उत्तर – हां, नाश्ता छोड़ने से ब्लड शुगर प्रबंधन पर काफी असर पड़ता है।

शोध से संकेत मिलता है कि नाश्ता छोड़ने से भोजन के बाद (भोजन के बाद) रक्त शर्करा (Blood sugar) का स्तर बढ़ सकता है और इंसुलिन प्रतिक्रिया (इंसुलिन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया) ख़राब हो सकती है। इसलिए जागने के एक घंटे के भीतर जल्दी नाश्ता करने से ग्लाइसेमिक नियंत्रण और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होगा।

Question 4 – I am diabetic and often do fasting, What precaution must be taken to prevent any illeffects? 

If you are diabetic and often do fasting, then taking certain precautions can help prevent any ill effects and ensure your safety. Here are some key measures to consider:

  1. Medication Adjustments: Your doctor may need to adjust your diabetes medications to prevent hypoglycemia (low blood sugar) or hyperglycemia (high blood sugar) during fasting periods.
  2. Glucometer: Always keep a glucometer to monitor your blood sugar levels. Be aware of hypoglycemia and hyperglycemia symptoms and act promptly if they occur.
  3. Stay Hydrated: Drink plenty of water during non-fasting hours to prevent dehydration. Dehydration can concentrate your blood sugar and lead to hyperglycemia.
  4. Nutrient-Rich Meals: When you break your fast, eat balanced meals with low-glycemic index carbohydrates, lean proteins, and healthy fats. Avoid high-sugar and high-carb foods that can cause blood sugar spikes.
  5. Physical Activity: Avoid strenuous exercise during fasting periods as it can lower blood sugar levels and increase the risk of hypoglycemia.
  6. Know When to Break the Fast: Be prepared to break your fast if your blood sugar levels drop too low or rise too high. Your health and safety should always come first. Have a plan for managing hypoglycemia, including keeping fast-acting carbohydrates like glucose tablets, fruit juice, or candy on hand and Medications to counteract hyperglycemia.
  7. Consult Your Healthcare Provider in case of any emergency.
प्रश्न 4 –  मैं मधुमेह रोगी हूं और अक्सर उपवास करता हूं, किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

यदि आप मधुमेह रोगी हैं और अक्सर उपवास करते हैं, तो कुछ सावधानियां बरतने से किसी भी दुष्प्रभाव को रोकने में मद्दद मिल सकती है और आपकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है। विचार करने के लिए यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं:

  1. दवा समायोजन: उपवास अवधि के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया (कम ब्लड शुगर) या हाइपरग्लाइसीमिया (उच्च ब्लड शुगर) को रोकने के लिए आपके डॉक्टर को आपकी मधुमेह दवाओं को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है।
  2. ग्लूकोमीटर: अपने ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी के लिए हर समय अपने साथ एक ग्लूकोमीटर रखें। हाइपोग्लाइसीमिया (कम ब्लड शुगर)
     और हाइपरग्लाइसीमिया (ज्यादा ब्लड शुगर) के लक्षणों से अवगत रहें और उनके होने पर तुरंत कार्रवाई करें।
  3. पानी जरुरत के हिसाब से लेते रहे : निर्जलीकरण को रोकने के लिए गैर-उपवास के घंटों के दौरान खूब पानी पिएं। निर्जलीकरण आपके ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है और हाइपरग्लेसेमिया का कारण बन सकता है।
  4. पोषक तत्वों से भरपूर भोजन: जब आप अपना उपवास तोड़े, तो संतुलित भोजन खाएं जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स कार्बोहाइड्रेट, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल हों। उच्च चीनी और उच्च कार्ब वाले खाद्य पदार्थों से बचें जो ब्लड शुगर में वृद्धि का कारण बन सकते हैं।
  5. शारीरिक गतिविधि: उपवास अवधि के दौरान व्यायाम से बचें क्योंकि इससे ब्लड शुगर का स्तर कम हो सकता है और हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ सकता है।
  6. उपवास कब तोड़ा जायें इसकी जानकारी होनी चाहिये है: यदि आपके ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है या बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो अपना उपवास तोड़ने के लिए तैयार रहें। आपका स्वास्थ्य और सुरक्षा हमेशा पहले आना चाहिए। हाइपोग्लाइसीमिया (कम ब्लड शुगर) होने पर तेजी से काम करने वाले कार्बोहाइड्रेट जैसे चीनी, ग्लूकोज, फलों का रस, या कैंडी और हाइपरग्लेसेमिया का प्रतिकार करने के लिए दवाओं को इस्तमाल करने चाहिये।
  7. किसी भी आपातकालीन स्थिति में अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श लें।
Hope this article helped in clearing some doubt regarding the basics of diet intake in diabetes.
आशा है कि इस लेख से मधुमेह में आहार सेवन की बुनियादी बातों के बारे में कुछ संदेह दूर करने में मदद मिली होगी।

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